कुचामनसिटी(नागौर डेली न्यूज) : सभापति आसिफ खान पर पद के दुरुपयोग के आरोप, बिना भू-परिवर्तन व अनुमति बनाए गए वाणिज्यिक कॉम्पलेक्स को तोड़ने की मांग
नगर परिषद कुचामनसिटी के सभापति आसिफ खान और पूर्व पार्षद आरिफ खान पर पद का दुरुपयोग कर बिना भू-परिवर्तन और निर्माण अनुमति के वाणिज्यिक कॉम्पलेक्स बनाने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस संबंध में आम शहरवासियों की ओर से उपखण्ड अधिकारी कुचामनसिटी को ज्ञापन सौंपकर अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की मांग की गई है।
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ज्ञापन में बताया गया है कि अलवीरा इन्फ्रास्टेक्चर प्राइवेट लिमिटेड, जिसके डायरेक्टर आसिफ खान, आरिफ खान और परवीन बानो हैं, ने कुचामन सिटी के वार्ड नं. 15 में स्थित एक भूखण्ड पर वाणिज्यिक कॉम्पलेक्स का निर्माण करवाया है। उक्त भूमि पूर्व में विकेता जगदीश प्रसाद काबरा एवं अन्य काबरा परिवार के सदस्यों से खरीदी गई थी। यह भूमि 28 नवंबर 2016 को पंजीकृत की गई थी, जिसका कुल क्षेत्रफल 2323.28 वर्ग फीट बताया गया है।
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ज्ञापन के अनुसार, उक्त भूखण्ड का बेचाननाम आवासीय संपत्ति के रूप में पंजीकृत कराया गया था, जबकि वास्तविकता में उसे वाणिज्यिक उपयोग के लिए बेचा गया। नगर परिषद से न तो भू-उपयोग परिवर्तन की अनुमति ली गई और न ही भवन निर्माण की स्वीकृति प्राप्त की गई। इसके बावजूद कॉम्पलेक्स का निर्माण किया गया, जिससे नगर परिषद को राजस्व की हानि हुई।
आरोप यह भी लगाया गया है कि उस समय पूर्व पार्षद रहे आरिफ खान ने अपने पद का प्रभाव और राजनीतिक दबदबा इस्तेमाल करते हुए यह निर्माण कार्य करवाया। ज्ञापन में कहा गया है कि नगर परिषद के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से पूरा काम किया गया और निर्माण की फाइल, भू-उपयोग परिवर्तन व निर्माण अनुमति से संबंधित पत्रावलियां जानबूझकर गायब कर दी गईं।
नगर परिषद कुचामन सिटी द्वारा 28 जनवरी 2025 को अलवीरा इन्फ्रास्टेक्चर के डायरेक्टर को नोटिस भी जारी किया गया था, परंतु बताया जा रहा है कि अब तक उसका कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया।
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आमजन की ओर से उपखण्ड अधिकारी से मांग की गई है कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच करवाई जाए और बिना अनुमति व नियमों के विपरीत बनाए गए इस वाणिज्यिक कॉम्पलेक्स को ध्वस्त करवाने की कार्रवाई की जाए।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि ऐसे मामलों पर सख्त कदम नहीं उठाए गए तो नगर परिषद क्षेत्र में अवैध निर्माण और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा, जिससे शहर की योजनाबद्ध विकास प्रक्रिया प्रभावित होगी।