18 साल जेल काटते वक्त पिता ने बेटे को बनाया वेटलिफ्टिंग प्लेयर, बेटे की सड़क दुर्घटना में हुई मौत तो अब बेटी नेशनल शूटिंग राइफल में निशाना साध करेगी पिता की तमन्ना पूरी
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शौकत खान | Tue, 02-Dec-2025 |
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डेगाना(नागौर डेली न्यूज)। कहते है बच्चों की परवरिश का घर-परिवार पर गहरा असर होता है। मगर इसके विपरीत कहानी एक जमाने के कुख्यात अपराधी रहे शहजाद खान के परिवार की है। शहजाद खान नागौर जिले के डेगाना के कायमखानी नगर में रहते थे मुल निवासी छावटा जायल के है। शहजाद पर हत्या, लूट, डकैती, फिरौती, आर्म्स एक्ट जैसे करीब 14 आपराधिक मुकदमे दर्ज है।
शहजाद करीब 18 साल की जेल काट चुके है। जेल में रहते शहजाद अपने बेटे वीर (19) को वेटलिफ्टिंग प्लेयर बनाना चाहते थे। मगर दो साल पहले वीर की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। तो शहजाद की उम्मीदों को धक्का लगा। पिता को गहरे सदमे में देख बेटी हिरण्या ने पिता का सपना पुरा करने के लिए 7वीं में पढ़ते हुए मात्र 13 साल की उम्र में राइफल उठा ली।
कड़ी मेहनत करते हुए हिरण्या ने पहले डिस्ट्रिक्ट, फिर स्टेट और अब नेशनल एयर राइफल शूटिंग (10 मीटर) के लिए क्वालीफाई कर लिया है। हिरण्या अगले महीने भोपाल में शुरू हो रही नेशनल इवेंट में निशाना साधेगी। हिरण्या का टारगेट देश के लिए ओलम्पिक में मेडल जीतना है। वह इंडियन आर्मी में भी शामिल होना चाहती है।
परिवार आर्मी बैकग्राउंड से ताल्लुक रखते और उनके कुनबे में रायफल व बंदूक जैसे लाइसेंसी हथियार पारंपरिक रूप से रखे जाते थे, लिहाजा हिरण्या ने ये हथियार बचपन से ही देख रखे थे। हिरण्या नारायणा स्कूल की कक्षा 7 में पढ़ती है तथा अजमेर की करणी शूटिंग अकादमी में प्रैक्टिस करती है। हिरण्या के कोच मनोज शर्मा ने बताया कि वह छुट्टी के दिन भी एकेडमी में आकर प्रैक्टिस करने से नहीं चुकती है। उसकी शुटिंग के प्रति लगन का ही परिणाम है कि मात्र 6 महीने के अंतराल में उसने तीन टूर्नामेंट क्वालीफाई कर लिए।
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दादा-पिता आर्मी में रहे अफसर-शहजाद के परिवार का बैकग्राउंड आर्मी से रिलेटेड है। पिता लियाकत खान 21 ग्रेनेडियर आर्मी से रिटायर्ड है। दादा विजय खां भी आर्मी में अफसर रहे है।