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उपभोक्ता कोर्ट में कुचामन की शकीला बानो की बड़ी जीत, विद्युत विभाग को माना सेवा में कमी का दोषी

सद्दाम रंगरेज, प्रधान संपादक Sun, 03-Aug-2025

कुचामनसिटी(नागौर डेली न्यूज)। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग नागौर ने एक महत्वपूर्ण फैसले में अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को सेवा में कमी का दोषी मानते हुए नोटिस में अवैध रूप से मांगी गई राशि को निरस्त करते हुए उपभोक्ता को क्षतिपूर्ति राशि व परिवाद व्यय दिलाने का आदेश पारित किया है। कुचामनसिटी के गुलाबबाड़ी गुलजारपुरा निवासी परिवादी शकीला बानो पत्नी मोहम्मद इकबाल भाटी ने अधिवक्ता शिवचंद पारीक नागौर के जरिए एक परिवाद इस आशय का पेश किया कि उसके द्वारा निगम से एक घरेलू विद्युत कनेक्शन प्राप्त कर रखा है, जिसका मीटर पहले अलग था और अब नया मीटर लगाया गया। जब नया मीटर लगाया गया तो पुराने मीटर को उतरते समय विधि अनुसार ना तो सील मोहर किया गया। 

 

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निगम के द्वारा एक नोटिस उपभोक्ता को प्रेषित करके सात दिवस के भीतर 133267 जमा करवाने के लिए सूचित किया गया, जबकि उपभोक्ता के परिसर से हटाया गया। विद्युत मीटर पूर्ण रूप से सही था और दुरस्त था फिर भी गलत प्रकार से मीटर हटाकर लेबोरेटरी में मनमानी प्रकार से जांच करवा कर उक्त नोटिस जारी किया। उपभोक्ता के द्वारा निवेदन करने के बाद भी उसकी उपस्थिति में लेबोरेटरी में मीटर की जांच नहीं की गई। निगम के द्वारा आयोग में अपना पक्ष रखा की मीटर में कांच धुंधला हो जाने के कारण रीडिंग दिखाई नहीं दे रही थी और इस कारण मीटर पठन सही नहीं आ रहा था। उपभोक्ता के अनुमानित बिल उपभोग से कम आ रहे थे। 

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परिसर से मीटर उतारने के बाद परिसर में उपभोग की गई मीटर पठन की फोटो लेकर अवगत कराया गया था और उसे अनुसार नोटिस जारी किया गया। दोनों पक्षों को सुनवाई और पत्रावली के अवलोकन के बाद आयोग के अध्यक्ष दीनदयाल प्रजापत व सदस्य प्रदीप कुमार शर्मा ने अपने फैसले में निष्कर्ष दिया कि उपभोक्ता का विद्युत मीटर जून 2016 में मीटर में रीडिंग नहीं देखने के कथन किए है एवं 4 वर्ष बाद 30 जुलाई 2020 को मीटर परिवर्तित किया गया। उपभोक्ता के मीटर को बदलने में 4 वर्ष का समय लगने का कोई आधार या कारण नहीं रहा। यह लापरवाही निगम के कर्मचारियों के लिए उपभोक्ता उत्तरदाई नहीं है। आयोग ने विद्युत निगम को उपभोक्ता से शारीरिक व मानसिक वेदना के लिए एक लाख परिवाद व्यय पेटे 7 हजार तथा गलत अवैध प्रकार से मांग की गई 1 लाख 39 हजार 969 रूपये वसूल नहीं करने के आदेश जारी किए गए। 
 

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यूं समझे कोर्ट के अन्तिम निर्णय को 


कोर्ट ने निगम को आदेश किया है कि प्रार्थियां श्रीमती शकीला बानो का विद्युत कनेक्शन पुन: स्थापित कर विद्युत आपूर्ति सुचारू करें। सितम्बर 2020 व नवम्बर 2020 के विद्युत बिलों में आए 1 लाख 39 हजार 969 रूपये व पेनल्टी के 3 हजार 207 रूपये जिसे अदा नहीं करने की पेनल्टी राशियां अवैध एवं गलत होने से प्रार्थियां भरने हेतु उत्तरदाई नहीं होने से उक्त राशियां विद्युत बिलों से हटाए तथा नियमित उपभाग के बिल प्रार्थियां को जारी हो तथा इसके अलावा एक माह के भीतर विप्रार्थीगण प्रार्थियां को सेवा दोष से पहुंची शारीरिक व मानसिक क्षति व पांच वर्ष तक विद्युत कनेक्शन विच्छेद से विद्युत उपभोग सुख से वंचित करने की क्षति पूर्ति राशि रूपये एक लाख तथा परिवाद व्यय 7 हजार कुल एक लाख सात हजार रूपये अदा करें तथाा उक्त आदेशित राशि विद्युत निगम अपने लापरवाह/निष्क्रिय अधिकारी/कर्मचारी जिन्होंने प्रार्थियां के विरूद्ध सेवा दोष कारित किया, उनके वेतन/संपत्ति से वसूल करें, ताकि विद्युत निगम को कोई आर्थिक क्षति/घाटा नहीं हो एवं लापरवाह व दोषी अधिकारी/कर्मचारी को आर्थिक दंड मिल सके, ताकि भविष्य में किसी उपभोक्ता के प्रति व विद्युत निगत के प्रति सेवा दोष कारित नहीं करें। 


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