अब कुचामन नगरपरिषद् सीमा क्षेत्र में शामिल नहीं होंगे ग्राम रूपपुरा व खारिया.....कार्टून से समझे पूरी कहानी
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सद्दाम रंगरेज, प्रधान संपादक | Wed, 26-Mar-2025 |
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कुचामनसिटी(नागौर डेली न्यूज) : कुचामनसिटी नगर परिषद की सीमा क्षेत्र के विस्तार की अधिसूचना पर रोक लग गई है। स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक एवं विशिष्ट शासन सचिव इन्द्रजीत सिंह ने एक अधिसूचना जारी कर बताया कि राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 का अधिनियत संख्या 18 की धारा 3 की उप-धारा (1) के खण्ड (क) सपठित धारा 329 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए नगर परिषद् कुचामनसिटी की वर्तमान सीमा क्षेत्र में नवीन सीमा क्षेत्र सम्मिलित किए जाने हेतु विभागीय समसंख्यक अधिसूचना क्रमांक 4675 दिनांक 17.03.2025 जारी की गई थी। उक्त अधिसूचना प्रशासनिक कारणों को दृष्टिगत रखते हुए तत्काल प्रभाव से प्रत्याहारित की जाती है।
-रूपपुरा व खारिया ग्राम पंचायत को किया था नगरपरिषद् सीमा में शामिल
गौरतलब है कि ग्राम पंचायत खारिया व रूपपुरा को नगर परिषद क्षेत्र में शामिल किया गया था। रूपपुरा सरपंच पति मनोहरसिंह रूपपुरा व खारिया सरपंच देवीलाल दादरवाल दोनों ने ही सरकार के इस निर्णय का भारी विरोध दर्ज कराया था। वहीं स्थानीय कांग्रेस को भी इस प्रकार सीमा क्षेत्र बढ़ाना गले नहीं उतरा क्योंकि नगर परिषद चुनावों में कांग्रेस को ही इसका सबसे बड़ा नुकसान होता वहीं भाजपा के वार्ड बढ़ते। रूपपुरा व खारिया दोनों ग्राम पंचायतों को नगर परिषद में शामिल नहीं करने की अधिसूचना आने के बाद न केवल रूपपुरा व खारिया सरपंच बल्कि कांग्रेस ने भी चेन की सांस ली है। खारिया व रूपपुरा के जनप्रतिनिधियों का कहना था कि यह निर्णय जबरन थोपा जा रहा है। कुचामन शहर के पेराफेरी क्षेत्र जैसे आसपुरा, उगरपुरा, दीपपुरा, जसराणा, हिराणी व पलाड़ा को जोडऩा चाहिए था।
-कांग्रेस ने भी जताया था विरोध
राज्य सरकार द्वारा कुचामनसिटी नगर परिषद् के सीमा क्षेत्र के विस्तार की अधिसूचना का कांग्रेस पार्टी ने भी विरोध किया था। नगर परिषद के उपसभापति हेमराज चावला व कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष उदयसिंह खारिया ने तब प्रतिक्रिया दी थी कि नगर परिषद के एकदम नज़दीक यदि किसी ग्राम पंचायत का सघन आबादी क्षैत्र लगता हो तो उसे शामिल किया जा सकता है, लेकिन ग्राम पंचायत रूपपुरा व खारिया की राजस्व सीमा तो परिषद क्षैत्र से लगती है लेकिन इनका सघन आबादी क्षैत्र तो कई किलोमीटर दूर स्थित है। ऐसे में इन्हें नगर परिषद में शामिल किया जाना जनविरोधी निर्णय है। वैसे तो नगर परिषद की सीमा विस्तार किये जाने की वैधानिक प्रक्रिया विद्यमान है, जिसकी पालना कर परिषद की सीमा को घटाया बढ़ाया जा सकता है, लेकिन कुचामन नगर परिषद की सीमा का विस्तार किये जाने में नियमों एवं संवैधानिक प्रक्रिया का उल्लंघन कर जबरन निर्णय थोपने के समान है तथा निर्वाचित कुचामन नगर परिषद बोर्ड एवं इनमें शामिल की जाने वाली निर्वाचित ग्राम पंचायतों खारिया, रूपपुरा के संवैधानिक अधिकारों का हनन है तथा यह एकतरफा जनविरोधी निर्णय है।