कुचामनसिटी(नागौर डेली न्यूज) : अपर जिला सेशन न्यायाधीश सुन्दर लाल खारोल ने नारकोटिक ड्रग्स एण्ड सायकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट के 10 वर्ष पुराने प्रकरण में अपराधी ओंकर को 10 वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अपर लोक अभियोजक मनीष शर्मा ने बताया कि 16 अगस्त 2015 को पुलिस थाना कुचामनसिटी को मुखबीर की सूचना प्राप्त हुई की एक व्यक्ति अवैध मादक पदार्थ लेकर जा रहा था। उसके की भागने की संभावना है।
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पुलिस जाब्ते ने कुचामन महाविद्यालय पर एक मोटर साईकिल को रुकवाया व नाम पूछा तो उसने अपना नाम ओंकारराम, कुमावतो की ढाणी भांवता का होना बताया। मोटरसाइकिल के यूटिलिटी बॉक्स को चैक करने पर उसमें से काले रंग का तरल पदार्थ अफीम का दूध होना पाया गया, जिसका वजन किया तो 400 ग्राम पाया गया। मौके पर माल बरामद किया गया। अभियुक्त से उक्त अफीम के दूध को लाने बाबत पूछा तो उसने राजेंद्र, घाट की ढाणी चितावा से लाना बताया।
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अभियुक्तगणों के पास बिना लाइसेंस बिना परमिट के अवैध अफीम का दूध अपने कब्जे में रखने एवं परिवहन करने के कारण उक्त अभियुक्तगणों के विरुद्ध अनुसंधान पूर्ण कर अभियुक्तगणो के विरुद्ध 8/18 एवं 8/29 एन. डी. पी. एस. एक्ट में अपराध प्रमाणित मानकर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया । दौराने अन्वीक्षा अभियोजन की ओर से प्रकरण में 18 गवाह के बयान करवाए गए एवं 37 दस्तावेज प्रदर्शित कराए गए तत्पश्चात बहस सुनकर आज 15 अक्टूबर 2025 को अपर जिला सेशन न्यायाधीश सुन्दर लाल खारोल ने अभियुक्त ओंकारराम, निवासी भांवता को 10 वर्ष के कठोर कारावास एवं एक लाख रुपए के अर्थ दंड से दंडित किया।
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अदम अदायगी अर्थदंड के रूप में एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई। अभियुक्त राजेंद्र को संदेह का लाभ देकर दोषमुक्त किया गया। अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश सुन्दर लाल खारोल द्वारा निर्णय पारित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में नशे का जाल समाज के हर कोने में फैलता जा रहा है। युवा पीढ़ी, जो देश का भविष्य है, वह नशे की गिरफ्त में आ रही है। नशे के कारोबारियों और तस्करों को रोकना अति-आवश्यक है। मादक पदार्थों का सेवन न केवल शरीर को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि परिवार और समाज की नींव को भी हिला देता है। नशा एक ऐसी बीमारी है जो धीरे-धीरे जीवन को खत्म कर देती है।