- खाने की तलाश में कचरे में जहर ढूंढ रहा है गोवंश
रवि भार्गव ने बताया कि नगर परिषद द्वारा सभी वार्डों से इकट्ठा किया गया कचरा डंपिंग यार्ड में फेंका जाता है। इस कचरे में पॉलिथीन में लिपटी खाद्य सामग्री भी होती है, जिसे खाने के प्रयास में गोवंश पॉलिथीन निगल जाता है, जिससे उनकी आंतें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और अंततः वे तड़प-तड़पकर दम तोड़ देते हैं। यह न केवल प्रशासन की लापरवाही का, बल्कि आम नागरिकों की असंवेदनशीलता का भी एक कड़ा उदाहरण है।
-जाली से घेराव और नंदी शाला की मांग
ज्ञापन में सुझाव दिया गया कि डंपिंग यार्ड के चारों ओर मजबूत जाली लगाई जाए, ताकि निराश्रित गोवंश वहां प्रवेश न कर सके। इसके अलावा नगर में एक समर्पित नंदी शाला की स्थापना की जाए, जिसके लिए कुचामन की स्थानीय गौशाला में पर्याप्त भूमि भी उपलब्ध है। सरकार द्वारा गौशालाओं को नंदी शाला के लिए बजट भी दिया जा रहा है, लेकिन आज तक कुचामन में कोई नंदी शाला अस्तित्व में नहीं है।
प्रशासन ने दिया कार्रवाई का आश्वासन के नगर परिषद आयुक्त एवं उपखंड अधिकारी ने ज्ञापन प्राप्त करने के बाद आश्वासन दिया कि इस गंभीर समस्या पर शीघ्र ही ठोस कार्रवाई की जाएगी। उम्मीद है कि कुचामन नगर जल्द ही गोवंश के लिए सुरक्षित और मानवीय वातावरण प्रदान करेगा।
विज्ञापन
नगर परिषद में नेता प्रतिपक्ष अनिल सिंह मेड़तिया ने इस बारे में कहा कि यह केवल प्रशासन की नहीं, हर नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह अपने कचरे का उचित निपटान करे, पॉलिथीन का उपयोग न करे, और बेसहारा पशुओं के जीवन की रक्षा में अपनी भूमिका निभाए। जब तक हम जागरूक नहीं होंगे, तब तक इन मासूम प्राणियों की दर्दनाक मौतों का सिलसिला नहीं थमेगा।
विज्ञापन