बरगद संरक्षण फाउंडेशन खारिया का नवाचार, खरपतवार का पाउडर बनाकर ले रहे हैं पौधों में काम
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सद्दाम रंगरेज, प्रधान संपादक | Sat, 25-May-2024 |
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कुचामनसिटी(नागौर डेली न्यूज) : उपखंड कुचामनसिटी के बरगद संरक्षण फाउंडेशन खारिया द्वारा नवाचार किया गया है। इस नवाचार में संस्था द्वारा खरपतवार जिसको स्थानीय भाषा में रूँकड़ी बोलते हैं, को नगर परिषद के नरेगा के सहयोग से इक_ा करवाकर कुट्टी काटने वाली मशीन में उसको डाला गया और उसको बारीक पाउडर करके पौधों में काम में लिया जाएगा। बरगद संरक्षण फाउंडेशन के निदेशक नेताराम कुमावत ने बताया कि उनकी संस्था के द्वारा लगातार पिछले 1 साल से वेस्ट मेटेरियल इक_ा करके पौधों में उपयोग लिया जा रहा है। इस वेस्ट मटेरियल के उपयोग से उनके यहां जल की लागत आधी से भी कम रह गई है, साथ ही इन वेस्ट मेटेरियल को जलाने से होने वाला प्रदूषण भी रुक गया है। यह वेस्ट मटेरियल पौधों में खाद का काम करता है।
परेशानी से पोषण कीओर पर्यावरण प्रेमी राजेश कुमावत ने बताया कि रिंग रोड़ के आसपास विभिन्न सरकारी परिसरों में खरपतवार विद्यमान है। इस खरपतवार को कोई भी पशु नहीं खाता है तथा यह खरपतवार मिट्टी के उपजाऊ तत्वों को अवशोषित करके मिट्टी की गुणवत्ता को कम कर देती है जिससे अन्य पेड़ पौधे भी नहीं पनप पाते हैं। इसी कारण इस क्षेत्र में बिल्कुल भी पेड़ पौधे नहीं है । इस खरपतवार को लोग जलाते हैं तथा इसको जलाने पर ऑक्सीजन के साथ में यह मेटल ऑक्साइड बना लेती है।यह मेटल ऑक्साइड त्वचा, श्वांस की बीमारियों तथा कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को जन्म देती है।
उन्होंने बताया कि खरपतवार को इक_ा करवाकर मशीन के सहायता से उसको बारीक पाउडर फॉर्म में परिवर्तित किया गया। इसको डीकंपोज करके उसका खाद बनाया जाएगा जो पौधों के लिए काम में लिया जाएगा। इस तरह वेस्ट मेटेरियल का रिसाइकलिंग करके पर्यावरण को होने वाले घातक नुकसान से बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि ऑर्गेनिक वेस्ट मेटेरियल के रिसाइकलिंग से एक तरफ पर्यावरण प्रदूषण रुक जाता है दूसरी तरफ पौधों को जल की कम आवश्यकता रहती है और पौधों के लिए खाद का उत्तम माध्यम मिल जाता है। इस दौरान डॉक्टर प्रदीप चौधरी ने बताया कि हमें घरेलू ऑर्गेनिक वेस्ट को भी पेड़ पौधों में काम में लेना चाहिए और उसको दूसरे वेस्ट मेटेरियल में मिक्स नहीं करना चाहिए इससे कचरे को पृथक करने में बहुत समस्या आती है तथा वेस्ट का सदुपयोग नहीं हो पाता। उन्होंने सभी से आग्रह किया है कि वेस्ट मटेरियल को जलाना नहीं चाहिए उसको पौधों में डाल देना चाहिए। इनमें पेड़-पौधों के लिए सर्वोत्तम पोषण होता है।
इस दौरान लगभग 5 ट्रैक्टर ट्रोली वेस्ट मेटेरियल एकत्रित किया गया। संस्था द्वारा अभी तक पिछले दो महीने में लगभग 20 ट्रॉली निम्न जगह से वेस्ट मेटेरियल एकत्रित किया गया :- डॉ. प्रदीप चौधरी हाउस कुचामन, चम्पालाल कुमावत निवास, देवनारायण मंदिर राजलिया, नेताराम का घर बावड़ी कोठी, नवोदय विद्यालय, कुचामन कॉलेज, बाबा रामदेव मंदिर राँवां, कुचामन वैली, पिपलोदा फार्म हाउस खारिया, बालाजी मंदिर मीठड़ी, डाकोटी कोठी मंदिर, गर्ल्स कॉलेज के सामने से पदमपुरा रोड, केसरिया कंवर जी मंदिर और वीर हनुमान मंदिर आनंदपुरा, रामदेव जी का मंदिर राणासर, नली का बालाजी का मंदिर कुचामन सिटी आदि जगहों से पेड़-पौधों की पत्तियां और नारियल के छिलके इक_े करके पौधों में डाले गए जिसे प्रभावी परिणाम मिले हैं।