बोदूराम मजदूरी करके अपने परिवार को चलाता है। इस आग में लगभग आठ झाल फुस, पंद्रह हजार नगदी, कच्चे मकान , कपड़े, धान सहित बड़ी मात्रा में नुकसान हुआ है।परिवार बेघर हो गया साथ ही आर्थिक संकट मंडरा गया। इस अवसर पर मदन कसवां, मुकेश जांगिड़, पूसा राम कसवां, जगदीश कसवां,छोटू राम ऐचरा, गोरधन मेघवाल, मोटाराम केमेघवाल, छोटू कसवां, गोपाल जांगिड़, चतराराम मेघवाल,बनवारी कुमावत, प्रेमाराम सहित सैकड़ों आस पास के लोगों ने समय पर पहुंच आग पर काबू पाने में मदद की।
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