राजस्व रिकॉर्ड में कुम्हार के स्थान पर कुमावत किए जाने पर जताया विरोध
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नागौर डेली न्यूज डेस्क | Fri, 30-Sep-2022 |
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सुनील सोनी
परबतसर(नागौर डेली न्यूज) : राजस्थान सरकार के राजस्व रिकॉर्ड में कुम्हार जाति के स्थान पर कुमावत दर्ज किए जाने के आदेश जारी होने के विरोध में शुक्रवार को श्री श्री यादे माता प्रजापति कुम्हार सेवा समिति के सदस्यों द्वारा उपखंड कार्यालय में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर आदेशों को वापस लेने हेतु विरोध प्रदर्शन किया तथा ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन के अनुसार मूल जाति प्रजापति कुंभकार कुम्हार ही है एवं विश्व के आदि वैज्ञानिक कलाकार है। कुम्हार कुंभकार प्रजापति राजस्थान की ही नहीं लगभग समस्त भारत में जाने पहचाने जाती है तथा प्रथम राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग यानी काका कालेकर आयोग की रिपोर्ट में भी कहीं भी कुमावत शब्द का अंकन नहीं है द्वितीय राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग मंडल आयोग में भी मात्र कुम्हार का ही अंकन है।
भारतीय संविधान किसी भी सरकार को किसी जाति में नव जाति के सृजन का अधिकार नहीं देता है। भू राजस्व अधिनियम धारा 136 में किसी लिपिभू राजस्व अधिनियम धारा 136 में किसी लिपिकीय त्रुटि को विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के तहत सुधार करने का प्रावधान है किसी काश्तकार की पीढिय़ों से भू राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज जाति को परिवर्तन करने का नहीं है।
इस दौरान प्रजापत कुम्हार समाज के अध्यक्ष छीतरमल सिहोटा, उपाध्यक्ष पांचू राम भोभरिया, पूनमचंद भोभरिया, सचिव ललित कुमार मंडावरा, पूर्व अध्यक्ष भागीरथ टाक, बोदूराम टाक, रामदेव टाक, खिवराज सिहोटा, कालूराम दुबलदिया, बीरदिचंद सिहोटा, बाबूलाल देवलिया, पुखराज सन्खवाया, गोपाल होद्कास्या, गोपाल भोभरिया, नवयुवक मंडल अध्यक्ष बाबूलाल किरोड़ीवाल रामेश्वर दुबलदिया, शंकरलाल सिहोटा, सत्यनारायण सिहोटा, बाबूलाल होदकास्या, दीपक भोभारिया, दिनेश भोभरिया व समाज बंधु उपस्थित थे।