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फर्जी दस्तावेज तैयार कर खनिज विभाग की मिलीभगत से फर्जी लाइसेंस बनाए जाने का वाद पुलिस थाना मकराना में हुआ दर्ज

मोहम्मद शहजाद Sat, 17-May-2025

मकराना(नागौर डेली न्यूज) मकराना पुलिस थाना में अपर जिला न्यायालय के द्वारा परिवादी मोहम्मद अयूब गैसावत की ओर से अभियुक्त अब्दुल कय्यूम, अब्दुल अजीज, अब्दुल करीम सभी पुत्र नन्नू सिसोदिया, ईरफ़ान अहमद, फरान अहमद व बुरहान अहमद पुत्र अब्दुल समद सिसोदिया निवासी मानधनियो की छतरी मेवलियाबड़ मोहल्ला निवासियों के अंतर्गत धारा 318 (4), 335, 336 (3), 352, 61 (2) भारतीय न्याय संहिता 2023 परिवादी की ओर से बताया गया है कि

पूर्वजों के नाम की बापी पट्टे की खदान संख्या 164 चौसीरा रेंज मकराना में आई हुई है जिसका बापी पट्टा मौलाबख्श, अल्लाहबक्स वल्द नूरा चौधरी और नूर मोहम्मद उर्फ (नूरा) वल्द नाथा गैसावत के नाम से जिसका क्षेत्रफल 71 गुणा 42 फिट था बाद मे 26 फरवरी 1947 को उक्त खान के दो टुकड़े खनिज विभाग में पेश प्रार्थना पत्र अनुसार दो भाग कर दिए गए थे, जिसका एक भाग 164 क्षेत्रफल 47 गुणा 42 मोलाबक्ष, अल्लाहबक्ष पुत्र नूरा चौधरी के नाम व दूसरा भाग 164/1 क्षेत्रफल 24 गुणा 42 नूरा पुत्र नाथा गैसावत 

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के नाम से कर दिया गया था। और दोनों भागीदार अपने अपने हिस्से पर काबिज होकर खनन कार्य करते आ रहे है। बाद में 17 सितंबर 1956 को नूरा पुत्र नाथा की मृत्यु हो जाने के पश्चात उनकी जायँदा वारिसान गुलाम मोहम्मद, हुसैनबख्श, खुदाबक्श, गुलाम मोहम्मद पुत्र नूर मोहम्मद गैसावत के नाम से खनिज विभाग द्वारा  14 जून 1960 को म्यूटेशन कर दिया था, जिसके बाद से ही कई वर्षों से शांतिपूर्वक कब्जा खनन चलता आ रहा है। बाद में एमएमसीआर एक्ट 1986 लागू होने के बाद राजस्थान सरकार ने खनिज विभाग में नए नियम बनाए जाने के बाद वारिसान ने 10 दिसंबर 2008 को एक दावा एडीजे कोर्ट परबतसर में अधिकारी की घोषणा का पेश किया था, जिसका फैसला 3 नवंबर 2009 को हो चुका है। माननीय न्यायालय के अदेशानुसार पूर्वजों के नाम म्यूटेशन व पट्टाधारी के परिवार का सिजरा मय शपथ पत्र राजस्थान अप्रदान खनिज रियायत नियमावली 1954 के तहत क्वारी लाइसेंस की फीस मय ब्याज के जमा करवा रखी है। उक्त खान संख्या 164 में से मुलजिमान मेसर्स हिलटॉप मार्बल मकराना के मालिक अब्दुल अजीज, अब्दुल समद, अब्दुल कय्यूम, अब्दुल करीम पिसरान नन्नू जाति सिसोदिया और छोटू पुत्र गुलाब के वारिसान गुलाम मुस्तफा, मईनुद्दीन, मोहम्मद शफी, मुख्तयार अहमद, मोहम्मद अली ने खनिज विभाग के कर्मचारियों से मिलकर षडयंत्र पूर्वक फर्जी दस्तावेज पेश कर अपने आप को खान संख्या 164 का बापी हिस्सेदार बताकर फर्जी सीजरा जिसमें खुद को छोटू चौधरी पुत्र अल्लाहबक्ष का वारिसान बताकर नन्नू को छोटू सिसोदिया का पुत्र बताकर साथ ही झूठे शपथ पत्र पेश कर दिनांक 24 दिसंबर 1988 को खनिज विभाज मकराना में पेश किया गया। जबकि नन्नू सिसोदिया रमजानी सिसोदिया का पुत्र है और छोटू सिसोदिया और रमजानी सिसोदिया के पूर्वजों के नाम कोई बापी पट्टा खनिज विभाग मकराना में कभी दर्ज नहीं रहा है। साथ ही जो लाइसेंस बनाए जाने हेतु फर्जी दस्तावेज पेश किए है वह 164 खान के पेश किए है और खनिज विभाग द्वारा भी मौका रिपोर्ट भी 164 के आधे भाग क्षेत्रफल 47 गुणा 42 का फर्जी नजरी नक्शा पेश कर पड़ोस 163 लिखा गया है जबकि 164 के पड़ोस में दो भाग होने के बाद से ही खान संख्या 164/1 थी और नक्शे में खान का कुल क्षेत्रफल भी गलत लिख कर बिना बापी पट्टे की नकल पेश कर महज फर्जी शिजरा पेश कर 23.6 गुणा 200 का फर्जी लाइसेंस जारी कर दिया गया। जिसकी जारी विज्ञप्ति में भी कांट छांट कर कोई चस्पा रिपोर्ट नहीं दर्शाई गई। इसकी पुष्टि भी खनि कार्यदेशक अनिल गुप्ता ने दिनांक 17 मार्च 2011 को पेश शपथ पत्र में अपनी ही बनाई मौका रिपोर्ट दिनांक 5 जनवरी 1989 के सीमांकन प्रतिवेदन में एफआरपी की पुष्टि नहीं होने हेतु सत्यापन कार्यवाही नहीं होने का हवाला दे कर फर्जी दस्तावेज से तैयार खान संख्या 164/A कहा पर मौजूद है और किस पड़ोस में है कि पुष्टि नहीं की। 

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साथ ही परिवाद में बताया गया है कि हम बापीदार ने न्यायालय में हमारे खान से संबंधित बापी अधिकारों के तहत निर्णय कराकर डिक्री प्राप्त कर रखी है और मुलजिमान शुरू से ही फर्जी दस्तावेज तैयार करके हम बापीदारों को हमारी बापी खान से महरूम करना चाहते है और फर्जीवाड़ा कर हवा में ही फर्जी लाइसेंस बनवाकर दबंगई से डरा धमकाकर हमारी खदान मे अवैध खनन कर काबिज हो कर हमारी खदान से लाखों करोड़ों का मार्बल चोरी करने की नियत से बार बार धमकियां देते है और जब मै खान पर गया तो उक्त मुलजिमानो ने मेरे को खान से बेदखल करने की धमकी दे कर चंद दिनों बाद इलाज कर देंगे। हमारी माइनिंग विभाग में चलती है और गालियां निकाल कर बार बार धमकी दे रहे है। परिवादी ने न्यायालय में इस्तगासा धारा 175 (3)  पेश कर मुलजिमानो के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों की जांच कर आवश्यक कार्यवाही की मांग की है। जिस पर दिनांक 15 मई 2025 को मकराना थाना में परिवाद दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

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