ज्ञापन में बताया गया कि वर्तमान पंचायत नालोट में शिक्षा, चिकित्सा व सहकारी सुविधाएं आमजन की सीधी पहुंच में हैं, लेकिन प्रस्तावित बदलाव से इन सेवाओं तक पहुंचना ग्रामीणों के लिए कठिन हो जाएगा। ग्रामीणों ने यह भी उल्लेख किया कि नालोट पंचायत कार्यालय तक जाने के लिए कई संपर्क मार्ग हैं, जबकि लाम्बा पंचायत के लिए केवल एक लंबा और कठिन रास्ता है।
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ग्रामीणों ने मंत्री विजय सिंह चौधरी से निवेदन किया है कि आमजन की सुविधा, भावना व भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए भींचरों का बास, विजयकलां और श्यामपुरा गांवों को वर्तमान ग्राम पंचायत नालोट में ही बनाए रखा जाए। ग्रामीणों का कहना है की उनका यह विरोध केवल एक पंचायत के सीमांकन का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह आमजन की सहूलियत, जुड़ाव और विकास से जुड़े गहरे सरोकार को दर्शाता है।
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