झाडिय़ों में खोज के दौरान दो और मृत मोर मिले, जबकि एक को कुत्तों ने नोच लिया था। शाम 4 बजे तक लगभग आठ मोर जीवित अवस्था में पकड़े गए, जिन्हें वन विभाग को सौंप दिया गया है, जबकि चार की मृत्यु की पुष्टि हुई है। पक्षी प्रेमी और स्थानीय निवासी मिलकर घायल मोरों की खोज और बचाव के लिए सर्च अभियान चला रहे हैं। वार्ड नंबर 18 के पार्षद प्रतिनिधि भवानी सिंह, प्रभु सिंह, महेंद्र सिंह, शक्ति सिंह, गजेंद्र सिंह, नवीन भाटी सहित ढाणी के लोगों ने मोरों को बचाने के लिए पूरी मेहनत की है।
वन विभाग के कर्मचारी भवरसिंह ने कहा कि जीरे व अन्य फसलों पर दवाई छिडक़ाव के बाद चार से पांच घण्टे तक किसान खेतो में पक्षियों का ध्यान रखें तो दवाई का असर पक्षियों पर नही होगा जिससे पक्षियों की अकाल मौत ना हो। यह घटना बहुत ही चिंताजनक और दुखद है। कुचेरा में अज्ञात कारणों से दर्जनों मोर घायल और कई मोर की मौत होने की स्थिति वन्यजीव संरक्षण के लिए एक गंभीर मुद्दा है।