कुचामनसिटी(नागौर डेली न्यूज)।
‘‘हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए,
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए।
आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी,
शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए।
हर सडक़ पर, हर गली में, हर नगर, हर गाँव में,
हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए।
सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं,
सारी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए।
मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही,
हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए।’’
कवि दुष्यंत कुमार की इन पंक्तियों से पूरा सभागार तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा। मौका था रविवार को कुचामन के जूसरी रोड स्थित ग्लोरिया रिसॉर्ट में आयोजित कारीगर बंदूकिया समाज के प्रदेश स्तरीय सम्मेलन का। समाज के अख्तर कारीगर ने बताया कि कारीगर बंदूकिया समाज को आर्थिक, सामाजिक व शैक्षणिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से कुचामनसिटी में प्रदेश स्तरीय सम्मेलन का शानदार आयोजन हुआ है। ग्लोरिया रिसोर्ट में सम्पन्न हुए इस कार्यक्रम में राजस्थान के विभिन्न जिलों से आए समाज के प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी तथा समाज सुधार व शिक्षा के लिए बेहतरीन मोटिवेशनल स्पीच दी।
इन बिन्दुओं पर किया फोकस ताकि आ सके समाज में सुधार
-कारीगर बचत योजना
-बैतूल माल फंड
-बालिका शिक्षा को बढ़ावा
-नशा मुक्ति
-फिजूलखर्ची पर नियंत्रण
-सामाजिक कुरूतियों के उन्मूलन
जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया गया।
-बचत योजना के बताए फायदे
वक्ताओं ने बताया कि कारीगर बचत योजना के अन्तर्गत कारीगर समाज का कोई भी व्यक्ति पांच सौ रूपये प्रति माह की न्यूनतम राशि जाम कर योजना का सदस्य बन सकता है। सदस्य को आवश्यकता पडऩे पर शादी या अन्य पारिवारिक खर्चों हेतु एकमुश्त राशि उपलब्ध करवाई जाती है, जिसे बिना ब्याज के आसान किश्तों में लौटाया जा सकता है। साथ ही बैतुल माल फंड समाज के कमजोर व जरूरतमंद परिवारों को सबंल प्रदान करते हेतु स्थापित किया गया है, जिससे आपात स्थिति में तात्कालिक सहायता मिल सके।
-बुराइयों को खत्म करने का किया आह्वान
वक्ताओं ने समाज की बुराइयों को खत्म करने का किया आह्वान किया। जोधपुर से आए इमामुद्दीन कारीगर ने अपने उद्बोधन में समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने पर बल दिया और बचत योजना व बैतूल माल फंड में अधिक से अधिक सहभागिता की अपील की। सीकर से एडवोकेट आबिद कारीगर, लोसल से इस्तेखार कारीगर आदि वक्ताओं ने भी बालिका शिक्षा पर जोर दिया।
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-कारीगर समाज के पुनर्गठन का प्रयास
कार्यक्रम प्रबंधन देख रहे इमामुदीन कारीगर ने बताया कि यह आयोजन केवल एक सभा नहीं, बल्कि कारीगर समाज के पुनर्गठन का प्रयास है। इसका उद्देश्य समाज को पिछड़ेपन से बाहर निकालकर शिक्षा, आत्मनिर्भरता और एकता की ओर अग्रसर करना है।
-ये प्रबुद्धजन रहे मौजूद
इस अवसर पर सलीम कारीगर, जलालुद्दीन कारीगर कुचामन, कुतुबुद्दीन अजमेर, मुमताज कारीगर, मुन्ना कारीगर बोरावड़, अख्तर कारीगर, जाकिर कारीगर (इंदौर), फारूख कारीगर, मुख्तयार कारीगर, अब्दुल जब्बार कारीगर, अनारदीन जयपुर, अनारदीन मेड़ता, रफीक कारीगर, जुल्फिकार कारीगर, इलियास, मकसूद व इमरान कारीगर, युनूस कारीगर कुचामन, अख्तर कारीगर सहित कई जिलों से प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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